ISRAUL LLB

Saturday, March 7, 2020


Posted by ISRAUL LLB at 9:24 PM
Email ThisBlogThis!Share to XShare to FacebookShare to Pinterest
Newer Post Older Post Home

About Me

My photo
ISRAUL LLB
13. मौलिक अधिकारों के हनन या अपमान के साथ असंतोष।  (१) इस संविधान के प्रारंभ होने से ठीक पहले भारत के क्षेत्र में लागू होने वाले सभी कानून, जहां तक ​​वे इस हिस्से के प्रावधानों के साथ असंतोष हैं, इस तरह की असमानता की सीमा तक, शून्य हो जाएंगे।  (२) राज्य कोई भी ऐसा कानून नहीं बनाएगा जो इस हिस्से द्वारा प्रदत्त अधिकारों का हनन करता हो या निरस्त करता हो और इस खंड के उल्लंघन में बना कोई भी कानून, उल्लंघन की सीमा तक, शून्य हो।  (३) यह लेख, जब तक उस संदर्भ से अन्यथा विस्तार न हो,  (ए) "कानून" में भारत के कानून के क्षेत्र में होने वाले किसी भी अध्यादेश, आदेश, उप-कानून, नियम, विनियमन, अधिसूचना, कस्टम या उपयोग शामिल हैं;  (ख) "कानून लागू" में इस संविधान के प्रारंभ होने से पहले भारत के क्षेत्र में एक विधानमंडल या अन्य सक्षम डेवलपर्सारी द्वारा पारित या बनाए गए कानून शामिल हैं और पहले से निरस्त नहीं हैं, इस बात के बावजूद कि ऐसा कोई कानून या उसका नहीं कोई हिस्सा तब नहीं हो सकता है। ऑपरेशन या फिर सभी या विशेष क्षेत्रों में।  [१] (४) इस अनुच्छेद में कुछ भी इस अनुच्छेद ३६ में। के तहत किए गए संविधान के किसी भी संशोधन पर लागू नहीं होगा।  -----  1. प्रदान। संविधान (चौबसवाँ संशोधन) अधिनियम, 1971, s.2 द्वारा।
View my complete profile

Blog Archive

  • ▼  2020 (5)
    • ▼  March (3)
      • Indian Constitution Hemant write
      • Rovi91 Inmvalier Privatefinsted Earn money for ...
    • ►  February (2)
Picture Window theme. Powered by Blogger.